Law
कानून (Law) क्या है?
कानूनों नियमों का वह समूह है जिसे राज्य मान्यता देता हैं और न्याय के प्रशासन में लागू करता है.
कानून नियम, विधि और न्याय का एक संकल्प है जो समाज को संचालित करने, समानता सुनिश्चित करने और व्यवस्था सुरक्षित करने के लिए निर्धारित किया जाता है. कानून संगठित नियमों, नियमितता, और प्रबंधन का एक प्रणाली है जो समाजीकरण, सुरक्षा, न्याय, और व्यवस्था के आधार पर क्रियान्वयन होती है.
कानून निर्धारित कार्रवाइयों, नियमों, और विधियों का संग्रह होता है जो समाज की सुरक्षा, न्याय, और संविधानिकता की सुरक्षा के लिए व्यवस्था करता है. कानून विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होता है, जैसे कि संविधान, सांसदीय नियम, न्यायिक निर्णय, प्राथमिकता कानून, स्थानीय नियम, और अन्तर्राष्ट्रीय संघों के नियम.
कानून की पालना और उसका उल्लंघन प्रभावशाली होता है और उसके उल्लंघन पर संघर्ष के लिए न्यायिक और व्यवस्थापक मार्ग उपलब्ध होते हैं. कानून के अंतर्गत न्यायिक प्रक्रिया, दंडाधिकार, साक्ष्य, वकीली, न्यायालय, और अनुसरण की प्रक्रिया शामिल होती है.
कानून सामाजिक न्याय, व्यक्तिगत अधिकार, संबंधों का व्यवस्थापन, व्यापार, संपत्ति, सार्वजनिक कार्य, पर्यावरण, उद्योग, दंड, मानवाधिकार, और अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रयोग होता है |
हिन्दू विधि के विभिन्न स्रोत
हिन्दू कौन है? हिन्दू का तात्पर्य उन सभी लोगों से है जो हिन्दू माता-पिता से पैदा होते हैं और जो हिन्दू धर्म में परिवर्तित हो जाते हैं. वे लोग निम्न हैं- उच्चतम न्यायालय के पेरुमल बनाम पेन्नूस्वामी (1971 SC 2352) के वाद में यह अभिनिर्धारित किया कि यदि कोई दूसरे धर्म को त्यागकर हिन्दू धर्म … Read more
मानव अधिकार का अर्थ, परिभाषा, महत्व, वर्गीकरण एवं विकास
मानव अधिकार का अर्थ मानव अधिकार वे न्यूनतम अधिकार हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यक रूप से प्राप्त होना चाहिये क्योंकि वह मानव परिवार का सदस्य है. मानव अधिकारों की धारणा मानव गरिमा की धारणा से जुड़ी है. अतएव जो अधिकार मानव गरिमा को बनाये रखने के लिये आवश्यक हैं उन्हें मानव अधिकार कहा जा … Read more
मुस्लिम विधि के स्रोत क्या है?
मुस्लमानों का नियम ईश्वरीय ज्ञान पर आधारित है और धर्म के साथ भी मिला-जुला है | मुस्लिम विधि के स्त्रोत सुन्नी विधि के अनुसार मुस्लिम विधि के चार प्रमुख स्रोत हैं- उपर्युक्त चारों स्त्रोत स्वयं पैगम्बर से प्रमाणित माने जाते हैं. इनके अलावा निम्नलिखित अन्य स्रोत भी बताये जाते हैं- 1. कुरान कुरान शब्द की … Read more
संविदाओं का विखण्डन क्या है?
संविदाओं का विखण्डन विनिर्दिष्ट या विशिष्ट अनुतोष अधिनियम संविदाओं के विशिष्ट प्रदर्शन के उपचार के लिए प्रदान करता है. इसी तरह, संविदाओं का विखण्डन संविदाओं के विनिर्दिष्ट प्रदर्शन के लिए ठीक विपरीत उपाय है. अक्सर पक्षकार संविदा के विनिर्दिष्ट प्रदर्शन को प्राप्त करने के लिए तैयार होती हैं; लेकिन कभी-कभी वे विशिष्ट प्रदर्शन के बजाय … Read more
ट्रिप्स संधि का महत्व, प्रकार एवं भारत पर इसका प्रभाव
ट्रिप्स संधि क्या है? बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण में ट्रिप्स संधि सबसे महत्वपूर्ण सन्धि है जो सन 1994 में अस्तित्व में आयी थी. ट्रिप्स बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर विद्यमान अन्तर्राष्ट्रीय अभिसमयों पर आधारित है. ट्रिप्स (TRIPS) का पूरा नाम है ट्रेड रिलेटेड आस्पेक्ट्स ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी सिस्टम है. सामान्यतया यह विश्व के विकसित देशों … Read more
प्रतिलिप्यधिकार का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति, उद्देश्य, विशेषताएं एवं समनुदेशन
प्रतिलिप्यधिकार का अर्थ प्रतिलिप्यधिकार को अंग्रेजी में कॉपीराइट भी कहा जाता है. प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1485 में किया गया था. प्रतिलिप्यधिकार शब्द की उत्पत्ति शब्दों का प्रतिलिपिक (Copier Of Words) पद से हुई है. जिसका अर्थ छपाई के लिए तैयार की गयी पाण्डुलिपि (Manuscript) या अन्य सामग्री से था. प्रतिलिप्यधिकार अंग्रेजी कहावत … Read more
पेटेंट का अर्थ, परिभाषा एवं पेटेंट अधिनियम की विशेषताएं?
पेटेंट का अर्थ पेटेंट का अर्थ इस बात से लगाया जा सकता हैं कि पेटेंट एक अधिकार के रूप में स्वीकृत किया जाने वाला राज्य अनुदान है जो आविष्कार को एक निश्चित समय के लिये उसके आविष्कार का उपयोग करने के लिए प्रदान किया जाता है. ‘पेटेंट’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘पैटीयर’ शब्द … Read more
छँटनी की परिभाषा, शर्त, प्रक्रिया एवं प्रतिकर पाने का अधिकार?
छँटनी की परिभाषा औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा ‘2णण’ में दी गई परिभाषा के अनुसार, इस पद का अर्थ है कि नियोजक द्वारा किसी कामगार की सेवा जो किसी भी कारण से हो, किन्तु अनुशासन की कार्यवाही द्वारा दंडित करने के लिए दण्ड स्वरूप न हो, किन्तु इसमें सम्मिलित नहीं है- यह भी जानें … Read more
जबरी छुट्टी का अर्थ, परिभाषा एवं प्रतिकर पाने का अधिकार?
जबरी छुट्टी का अर्थ जबरी छुट्टी का अर्थ है-नियोजक (मालिक) को कोयला, शक्ति (Power) अथवा कच्चा माल की कमी अथवा माल के अभाव या मशीन की खराबी अथवा प्रकृति के प्रकोप अथवा कोई अन्य सम्बन्धित कारण से, कामगार जिसका नाम उसके औद्योगिक व्यवस्थापन की उपस्थिति नामावली में अंकित है और जिसकी छंटनी नहीं हुई है … Read more