CrPC के तहत संस्वीकृति लेखबद्ध करने की प्रक्रिया क्या है? | संस्वीकृति क्या है?

संस्वीकृति का अर्थ दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में संस्वीकृति को परिभाषित नहीं किया गया है. साधारण शब्दों में जहाँ किसी व्यक्ति पर अपराध करने का आरोप लगाया गया है या अनुमान का सुझाव दिया गया है कि उसने अपराध किया है तो उस व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध स्वीकरण संस्वीकृति (Confession) कहलाता है | संस्वीकृति … Read more

CrPC के तहत लोक न्यूसेंस : अर्थ, परिभाषा, हटाना, प्रक्रिया एवं आगे की कार्यवाही

न्यूसेंस का अर्थ? अपदूषण (Nuisance) फ्रेंच भाषा के शब्द न्यूरे (Nuire) और लैटिन शब्द नोसेर (Nocere) से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है- हानि पहुँचाना या बाधा उत्पन्न करना | लोक न्यूसेंस क्या है? अपदूषण या उपद्रव को अंग्रेज़ी में न्यूसेंस भी कहा जाता है. सरकार का लोकतांत्रिक रूप में जन-जीवन एवं सम्पत्ति की … Read more

CrPC के तहत पत्नी एवं माता-पिता के भरण-पोषण के लिए क्या उपबन्ध हैं?

भरण-पोषण की मांग कौन कर सकता है? CrPC की धारा 125 (1) के अनुसार, पर्याप्त साधनों वाले व्यक्ति से निम्नलिखित व्यक्ति भरण-पोषण के लिए हकदार हैं- एक मामले में उच्चतम न्यायालय (SC) द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि पत्नी के भरण-पोषण के मामलों में पत्नी का भरण-पोषण करने में असमर्थ होना पूर्ववर्ती शर्त है. … Read more

तलाशी वारण्ट क्या है और यह कब जारी किया जाता है?

तलाशी वारण्ट किसे कहते हैं? तलाशी वारण्ट को दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में परिभाषित नहीं किया गया है. फिर भी सामान्य तौर पर न्यायालय द्वारा किसी वस्तु या दस्तावेज की तलाशी, विचारण, जांच या अन्य कार्यवाही के लिए जारी किया जाने वाला वारण्ट, तलाशी वारण्ट कहलाता है | तलाशी वारण्ट कब जारी किया जा सकता … Read more

दंड न्यायालयों की शक्तियां क्या हैं? | Powers of Criminal Courts

दंड न्यायालयों की शक्तियां? हमारे यहां न्यायालयों का पद-सोपान (Steps) निर्धारित है. राज्य में उच्चतम स्तर पर उच्च न्यायालय होता है तो निम्नतम स्तर पर द्वितीय वर्ग के न्यायिक मजिस्ट्रेट का न्यायालय. इनकी दण्डादेश शक्तियां भी अलग-अलग हैं. उच्च न्यायालय तथा सेशन न्यायाधीश को दण्डादेश की शक्ति धारा 28 में दी गई जो इस प्रकार … Read more

समन क्या है और समन की तामील की प्रक्रिया क्या है?

समन क्या है? यह नैसर्गिक न्याय का सिद्धान्त है. समन एक ऐसा आदेश होता है जो किसी व्यक्ति को एक निश्चित तिथि, समय एवं स्थान पर उपस्थित होने के लिए दिया जाता है. समन एक ऐसी आदेशिका है जिसके माध्यम से अभियुक्त को लिखित रूप से इस बात के लिए निर्देशित किया जाता है कि … Read more

समन मामला और वारंट मामला के बीच अंतर?

यह भी जानें : शमनीय अपराध क्या है? | वापसी और प्रशमन के बीच अंतर समन मामलों को वारण्ट मामलों में सम्परिवर्तित करने की न्यायालय की शक्ति? CrPC की धारा 259 मजिस्ट्रेट को समन मामलों को वारण्ट मामलों में सम्परिवर्तित करने की शक्ति प्रदान करती है. इस धारा के अनुसार मजिस्ट्रेट किसी अपराध से सम्बन्धित … Read more

आरोप से आप क्या समझते हैं?

आरोप किसे कहते हैं? आरोप अभियुक्त के विरुद्ध अपराध की जानकारी का ऐसा लिखित कथन होता है जिसमें आरोप के आधारों के साथ-साथ समय, स्थान, शक्ति एवं वस्तु का भी उल्लेख रहता है, जिसके बारे में अपराध किया गया है. आरोप के उद्देश्य क्या है? आरोप का उद्देश्य प्रतिरक्षा करने वाले व्यक्ति को विशिष्ट मामला … Read more

परिवाद का अर्थ, परिभाषा एवं आवश्यक तत्व?

परिवाद का अर्थ परिवाद शब्द का वृहत् या विशाल अर्थ है, क्योंकि उसमें जबानी आरोप भी शामिल है. आरोप ऐसा होना चाहिए जो मजिस्ट्रेट को कार्यवाही करने के लिए आशय तथ्यों सहित प्रथमदृष्ट्या अपराध का किया जाना प्रकट करता हो. मजिस्ट्रेट से किया गया आरोप परिवाद है. यदि वह दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत कार्यवाही … Read more

प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) से आप क्या समझते हैं?

प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) FIR को प्रथम सूचना प्रतिवेदन के नाम से भी जाना जाता है. प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में अंकित सूचना से अभिप्राय ऐसी सूचना से है जो किसी व्यक्ति द्वारा किसी पुलिस अधिकारी को दी जाती है एवं जो किसी अपराध के कारित किये जाने से सम्बन्धित होती है. इसका मुख्य उद्देश्य … Read more