वक्फ का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं आवश्यक तत्व

वक्फ का अर्थ एवं परिभाषा वक्फ का शाब्दिक अर्थ होता है “रोक रखना” अर्थात समर्पित सम्पत्ति के स्वामित्व को समर्पण करने वाले से दूर करके सर्वशक्तिमान ईश्वर में रोक रखना. वक्फ के सृजन के उपरान्त सम्पत्ति का स्वामित्व सर्वशक्तिमान ख़ुदा में निहित हो जाता है और वक्फकर्ता का स्वामित्व वक्फ सम्पत्ति में समाप्त हो जाता … Read more

अपीलीय न्यायालय की शक्तियां

अपीलीय न्यायालय की शक्तियां दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 386 अपीलीय न्यायालय की शक्तियों का वर्णन करती है, जिसके अनुसार ऐसे अभिलेखों के परिशीलन (Persuing) और यदि अपीलार्थी या उसका प्लीटर हाजिर हों तो उसे तथा लोक अभियोजक (Public Prosecutor) हाजिर हो तो उसे और धारा 377 या धारा 378 के अन्तर्गत अपील की … Read more

सूचना एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं?

सूचना सूचना (Information) शब्द से तात्पर्य यह है कि अपराध की सूचना इस आशय से दी जाती है कि पुलिस मामले की जांच की कार्यवाही शुरू करे. यह सूचना या तो मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी को दी जाती है. यह सूचना उस सूचना से भिन्न होती है जो कि पुलिस एक अपराध की जाँच करने … Read more

IPC की धारा 504 क्या है? | IPC 504 In Hindi | IPC Section 504 In Hindi

भारतीय दंड संहिता के तहत आईपीसी की धारा 504, शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान के अपराध से संबंधित है. यह धारा देश में सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक शांति की रक्षा करने में महत्व रखती है. इस लेख में, हम IPC की धारा 504 के प्रावधानों, इसकी व्याख्या, प्रमुख तत्वों, प्रासंगिक … Read more

जमानती और अजमानतीय अपराध क्या है? दोनों में क्या अंतर है?

जमानतीय अपराध भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 2(a) के अनुसार, जमानतीय अपराध (Bailable Offence) से अभिप्राय ऐसे अपराध से है- CrPC की प्रथम अनुसूची में जमानतीय एवं अजमानतीय अपराधों का उल्लेख किया गया है. जो अपराध जमानतीय बताया गया है उसमें अभियुक्त को जमानत स्वीकार करना पुलिस अधिकारी एवं न्यायालय का कर्तव्य है. … Read more

CPC का आदेश 7 नियम 10 क्या है? | वादपत्र लौटाये जाने या अस्वीकृत किये जाने के आधार

वादपत्र का लौटाया जाना आदेश 7 नियम 10 के अन्तर्गत न्यायालय किसी वादपत्र को, वाद के किसी भी प्रक्रम पर उस न्यायालय में पेश किये जाने के लिये वादी को लौटा देगा जिसमें वाद दायर किया जाना चाहिये था. अपील या पुनरीक्षण न्यायालय भी वाद में पारित की गई डिक्री को अपास्त करके सिविल प्रक्रिया … Read more

धारा 325 आईपीसी | IPC 325 In Hindi | गंभीर चोट आईपीसी 325

आईपीसी की धारा 325, जिसे भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के रूप में भी जाना जाता है, जोकि गंभीर चोट पहुंचाने के अपराध से संबंधित है. यह धारा भारतीय कानूनी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण धारा है, क्योंकि इसका उद्देश्य व्यक्तियों को गंभीर शारीरिक क्षति से बचाना और ऐसे कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों को … Read more

पुलिस कब किसी व्यक्ति को बिना वारन्ट के गिरफ्तार कर सकती है? | CrPC 41 In Hindi

व्यक्ति का बिना वारंट गिरफ्तार किया जाना संविधान के द्वारा व्यक्तियों को कई मौलिक अधिकार दिये गये हैं. संविधान के अनुच्छेद 21 में यह व्यवस्था की गई है कि “सिवाय विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार किसी व्यक्ति को अपने जीवन या वैयक्तिक स्वतन्त्रता से वंचित नहीं किया जायेगा.” महाराष्ट्र राज्य बनाम कम्युनिटी वेल्फेयर कौंसिल … Read more

जांच, अन्वेषण एवं विचारण किसे कहते हैं? तीनों में क्या अंतर है?

जांच, अन्वेषण एवं विचारण जांच, अन्वेषण एवं विचारण तीनों ही शब्द ऊपर से एक-दूसरे के पूरक अर्थात् पर्यायवाची लगते हैं. इन तीनों का उद्देश्य भी लगभग एक-जैसा प्रतीत होता है. अपराध एवं अपराधी का पता लगाना अर्थात् अपराध से अपराधी तक पहुँचना. लेकिन इतना सब कुछ होते हुये भी इन तीनों में मौलिक अन्तर है … Read more

व्यपहरण एवं अपहरण क्या है? दोनों में क्या अंतर है? | व्यपहरण के प्रकार

व्यपहरण व्यपहरण का अर्थ? व्यपहरण शब्द अंग्रेजी के ‘Kidnapping’ का हिन्दी अनुवाद है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बच्चों की चोरी से है’. व्यपहरण दो प्रकार का होता है; प्रथम जो भारत से बाहर व्यपहरण तथा दूसरा विधिपूर्ण संरक्षक की संरक्षकता में से व्यपहरण. लेकिन इस प्रकार का विभाजन न तो पूर्ण है और न ही वास्तविक … Read more