CPC का आदेश 7 नियम 10 क्या है? | वादपत्र लौटाये जाने या अस्वीकृत किये जाने के आधार

CPC का आदेश 7 नियम 10 क्या है? | वादपत्र लौटाये जाने या अस्वीकृत किये जाने के आधार

वादपत्र का लौटाया जाना

आदेश 7 नियम 10 के अन्तर्गत न्यायालय किसी वादपत्र को, वाद के किसी भी प्रक्रम पर उस न्यायालय में पेश किये जाने के लिये वादी को लौटा देगा जिसमें वाद दायर किया जाना चाहिये था. अपील या पुनरीक्षण न्यायालय भी वाद में पारित की गई डिक्री को अपास्त करके सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के अधीन वादपत्र को लौटा दिये जाने का निदेश दे सकेगा.

न्यायिक निर्णय के अनुसार, इस नियम के अन्तर्गत कोई वादपत्र केवल तभी लौटाया जा सकता है जब वह दूसरे न्यायालय, जिसमें वाद दायर किया जा सकता रहा हो, वादपत्र के दाखिल करने के समय पर विद्यमान रहा हो.

वादपत्र के लौटा दिये जाने पर प्रकिया

आदेश 7 के नियम 10a के अनुसार, किसी वादपत्र को लौटाने पर न्यायाधीश उस पर उसके पेश किये जाने और लौटा दिये जाने की तारीख, पेश करने वाले पक्षकार का नाम और लौटाये जाने- के कारणों का संक्षिप्त कथन पृष्ठांकित करेगा.

वादपत्र का अस्वीकृत किया जाना

आदेश 7, नियम 11 के अन्तर्गत, निम्नलिखित आधारों पर न्यायालय किसी वादपत्र को अस्वीकृत कर सकता है-

  1. जहां उससे वाद हेतु प्रकट नहीं होता हो,
  2. जहां दावाधीन अनुतोष का मूल्यांकन कम किया गया हो, और वादी ने मूल्यांकन को न्यायालय द्वारा नियत किये गये समय के अन्दर ठीक न किया हो,
  3. जहां वादपत्र अपर्याप्त मुद्रांकित पत्र पर लिखा गया हो और वादी ने न्यायालय द्वारा नियत समय के अन्दर अपेक्षित मुद्रांकित कागज दाखिल न किया हो,
  4. जहां वादपत्र के कथन से ही यह प्रतीत होता हो कि वाद किसी विधि द्वारा वर्जित है.
    जहां वादपत्र दो प्रतियों में पेश न किया गया हो,
  5. जहां वादी ने समन प्राप्त कराने की तिथि से दो दिन के भीतर उसके तामील कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया हो.

हरमन्स मेरिन्स लिमिटेड बनाम केमशोर मेरिटाईम पार्टनर्स (AIR 2016 NOC 732) गुजरात के मामले में यह प्रतिपादित किया गया है कि विधि द्वारा वर्जित वादों को अस्वीकार किये जाने के संदर्भ में ‘विधि’ से अभिप्राय सांविधिक विधि के साथ-साथ न्यायाधीश द्वारा निर्मित विधि से भी है.

वादपत्र अस्वीकृत किये जाने पर प्रक्रिया

आदेश 7, नियम 12 के अनुसार, वादपत्र को अस्वीकृत करने पर न्यायाधीश उस प्रभाव को आदेश के कारणों सहित, अभिलेखित करेगा.

वादपत्र के अस्वीकृत हो जाने पर उसी वाद हेतु पर नये वाद का दायर किया जाना

आदेश 7, नियम 13 के अनुसार, किसी वादपत्र से नियम 11 के अन्तर्गत, अस्वीकृत किये जाने का, स्वतः यह प्रभाव नहीं होगा कि वादी उसी वाद हेतु पर नया वादपत्र पेश करने से वंचित हो गया हो, अर्थात् वह उसी वाद हेतु पर नया वादपत्र पेश कर सकता है |

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