संयुक्त राष्ट्र महासभा की संरचना एवं कार्य

संयुक्त राष्ट्र महासभा की संरचना संयुक्त राष्ट्र (UN), चार्टर के अनुसार, महासभा संयुक्त राष्ट्र के 6 प्रमुख अंगों में से एक है. महासभा सबसे अधिक प्रतिनिध्यात्मक अंग है. इसमें संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राज्यों का प्रतिनिधित्व होता है. प्रत्येक सदस्य महासभा में अपने पाँच प्रतिनिधि तक रख सकता है. महासभा में संयुक्त राष्ट्र के … Read more

न्यायालय का अवमानना | सिविल अवमानना एवं आपराधिक अवमानना

न्यायालय का अवमानना न्यायालय की अपनी गरिमा होती है. न्यायालय का वातावरण अत्यंत शांत व गम्भीर होता है. मामलों की सुनवाई के समय पक्षकारों से, अधिवक्ताओं से और अन्य सभी व्यक्तियों से शांति और शालीनता बनाये रखने की अपेक्षा की जाती है. किसी भी व्यक्ति को न्यायालय के कार्य में हस्तक्षेप करने अथवा बाधा या … Read more

आपराधिक अवमानना का अर्थ एवं आवश्यक तत्व | आपराधिक अवमानकर्ता की प्रतिरक्षाएं

आपराधिक अवमानना आपराधिक अवमानना को दाण्डिक अवमान भी कहते हैं. न्यायालय अवमान अधिनियम, 1971 की धारा 2 की उपधारा (ग) प्रावधान करती है कि “आपराधिक अवमानना (Criminal Contempt)” का अर्थ है किसी विषय का प्रकाशन (चाहे बोले गये या अंकित किए गये शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा अथवा अन्यथा) या किसी प्रकार के अन्य कार्य … Read more

विधिक व्यक्ति का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार | विधिक व्यक्तित्व के सिद्धांत

विधिक व्यक्ति का अर्थ एवं परिभाषा अधिकार की संकल्पना पर विचार करने पर यह पाया गया कि अधिकार का एक धारणकर्ता होना चाहिये. अर्थात् वह कौन है जो अधिकार को धारण करता है और कर्तव्य से बाध्य हैं. इसकी प्राप्ति के लिये व्यक्ति की परिभाषा जानना आवश्यक हो जाता है. पैटन के अनुसार, विधिक व्यक्तित्व … Read more

मिथ्या साक्ष्य देना एवं मिथ्या साक्ष्य गढ़ना क्या है? दोनों में क्या अंतर है?

मिथ्या साक्ष्य देना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 191 में मिथ्या साक्ष्य के अपराध की परिभाषा दी गयी है. यदि कोई व्यक्ति शपथ द्वारा सत्य कथन करने के लिए बाध्य होता है फिर भी वह साशय असत्य कथन करता है या वह अपने कथन की सत्यता में विश्वास न करते हुए सत्य के रूप में … Read more

कूटरचना के अपराध की परिभाषा एवं आवश्यक तत्व | IPC 463 In Hindi

कूटरचना की परिभाषा कूटरचना (Forgery) का अपराध लिखाई के आविष्कार का परिणाम कहा जाता है. कूटरचना से तात्पर्य किसी व्यक्ति द्वारा मिथ्या दस्तावेज की रचना करने से है, जिसका आशय उसे उचित दस्तावेज के रूप में प्रयोग में लाना है. कूटरचना के अपराध का सार मिथ्या दस्तावेज का आपराधिक आशय से रचना करने में है. … Read more

आपराधिक अतिचार की परिभाषा एवं आवश्यक तत्व | IPC 441 In Hindi

आपराधिक अतिचार सम्पत्ति-सम्बन्धी अपराधों की श्रृंखला में अन्तिम अपराध है- ‘आपराधिक अतिचार (Criminal Trespass)’. प्रत्येक व्यक्ति को केवल सम्पत्ति अर्जित करने, धारण एवं उसका व्ययन करने का अधिकार ही नहीं अपितु उसका स्वतन्त्र एवं स्वच्छन्द उपयोग-उपभोग करने का भी अधिकार प्राप्त है. क्योंकि सम्पत्ति के स्वतन्त्र एवं स्वच्छन्द उपयोग-उपभोग के अभाव में उसके अजित एवं … Read more

आपराधिक बल एवं हमला क्या है? दोनों में क्या अंतर है?

आपराधिक बल एवं हमला एक साधारण अपराध होते हुए भी मानव शरीर के विरुद्ध किये जाने वाले अपराधों में आपराधिक बल (Criminal Force) एवं हमले (Assault) का एक महत्वपूर्ण स्थान है. यही वह अपराध है जो दैनिक जीवन में हम किसी व्यक्ति को डरा कर, धमका कर या भयभीत कर कारित किया करते हैं. भारतीय … Read more

किन परिस्थितियों में एक अधिवक्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है?

व्यावसायिक अवचार के लिये अधिवक्ता को दण्ड अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 35 से 44 तक उन प्रावधानों का वर्णन किया गया है जिसके तहत किसी अधिवक्ता को व्यावसायिक अवचार के लिये दण्डित किया जा सकता है. यह दण्ड राज्य विधिज्ञ परिषद (State Bar Council) तथा भारतीय विधिज्ञ परिषद (Bar Council of India) द्वारा दिया … Read more

सिविल अवमान का अर्थ एवं आवश्यक तत्व | सिविल अवमानकर्ता की प्रतिरक्षाएं

सिविल अवमान न्यायालय अवमान अधिनियम, 1971 की धारा 2 के खण्ड (B) के अनुसार सिविल अवमान का अर्थ किसी न्यायालय के निर्णय, डिग्री, निर्देश, आदेश, रिट या आदेशिका को अवज्ञा या किसी न्यायालय में किए गए परिवचन के जानबूझकर की गई अवज्ञा से है. सिविल अवमान (Civil Contempt) मूलतः उस व्यक्ति, जो किसी न्यायालय के … Read more