अंश का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार | पूर्वाधिकार अंश के प्रकार

अंश का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार | पूर्वाधिकार अंश के प्रकार

अंश का अर्थ

‘अंश’ जिसे प्रचलित भाषा में ‘शेयर’ कहा जाता है, कंपनी के लिए अर्थ संग्रहण अर्थात पूँजी जुटाने का एक महत्वपूर्ण स्रोत अथवा साधन है. कंपनी के व्यापार, व्यवसाय एवं कारबार के संचालन में अंशों का अहम योगदान रहता है. कंपनी अंशों, ऋणपत्र एवं स्थायी जमा आदि संसाधनों से ही पूँजी जुटाती है |

अंश की परिभाषा

कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(84) में शब्द ‘अंश’ (Share) की परिभाषा दी गई है. इसके अनुसार “अंश से किसी कंपनी की अंश पूंजी में कोई अंश अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत स्टॉक भी है.”

लिण्डले के अनुसार, “किसी कंपनी का अंश कम्पनी पूँजी के निश्चित अंश को अभिव्यक्त करता है.”

अंश के प्रकार

अंश मुख्यतया दो प्रकार के माने गये हैं-

  1. इक्विटी अंश तथा
  2. अधिमानी अंश या पूर्वाधिकार अंश

1. इक्विटी अंश

इक्विटी अंश (Equity Share) को साधारण अंश भी कहा जाता है. इक्विटी अंश से अभिप्राय ऐसे अंशों से है जो अधिमानी अंश नहीं है. इक्विटी अंशधारियों को लाभांश का भुगतान अथवा परिसमापन की दशा में पूँजी की वापसी तभी होती है जब अधिमानी अंशधारियों को लाभांश का भुगतान अथवा परिसमापन की दशा में पूँजी की वापसी कर दी गई हो. इक्विटी अंशधारियों को अधिमानी अंशधारियों की भाँति निश्चित दर से लाभांश प्राप्त करने का अधिकार नहीं है, अतः उन्हें कितना लाभांश दिया जाये, यह कंपनी के निदेशकों के विवेक पर निर्भर करता है |

2. अधिमानी अंश या पूर्वाधिकार अंश

इन्हें अधिमान्यता प्राप्त अंश (Preference Shares) भी कहा जाता है. अधिमानी अंशों से अभिप्राय अंशों द्वारा सीमित कम्पनी की पूँजी के उन अंशों से है जो यह दोनों अपेक्षाओं की पूर्ति करते हैं-

  1. इसमें एक निश्चित लाभांश की राशि या निश्चित दर से लाभांश के भुगतान का प्रथम अधिकार प्राप्त होता है; तथा
  2. कंपनी के परिसमापन या पूँजी की वापसी की दशा में इन अंशों पर चुकता की गई धनराशि की वापस का प्रथम अधिकार होता है |

पूर्वाधिकार अंश के प्रकार

अधिमानी अंश या पूर्वाधिकार अंश निम्न प्रकार के माने गये हैं-

  1. संचयी एवं असंचयी अधिमानी अंश
  2. भागीदारी एवं अभागीदारी अधिमानी अंश
  3. मोचनीय एवं अमोचनीय अधिमानी अंश
  4. परिवर्तनशील एवं अपरिवर्तनशील अधिमानी अंश

1. संचयी एवं असंचयी अधिमानी अंश

जब किसी वर्ष में कंपनी को लाभ नहीं होने पर किसी अंश पर लाभांश नहीं दिया जाता है तब लाभांश की ऐसी राशि संचित अर्थात् संकलित हो जाती है और ऐसे लाभांश का भुगतान आगामी वर्ष या वर्षों में कर दिया जाता है. ऐसे अंश को ‘संचयी अंश’ (Cumulative Share) कहा जाता है जबकि असंचयी अंश (Non-cumulative Share) से अभिप्राय ऐसे अंश से है जिस पर किसी वर्ष में कंपनी को लाभ नहीं होने पर लाभांश नहीं दिया जाय तो वह लाभांश आगामी वर्षों के लिए संचित अर्थात् संकलित नहीं होता है, बशर्ते कि कंपनी के संगम अनुच्छेद में अन्यथा उपबंध न हो |

2. भागीदारी एवं अभागीदारी अधिमानी अंश

जब अधिमानी अंश के धारक को लाभांश की नियत राशि अथवा नियत दर पर लाभांश प्राप्त करने के अधिमानी अधिकार के अतिरिक्त कंपनी के बचे हुए लाभ अथवा कंपनी के परिसमापन पर ऋणों का भुगतान करने के बाद शेष बची हुई सम्पत्ति में भाग लेने का अधिकार प्राप्त होता है, तब ऐसे अधिमानी अंश को ‘भागीदारी अधिमानी अंश’ (Participating Preference Share) कहा जाता है. तब वह दूसरी तरफ जब अधिमानी अंश धारक को ऐसा अधिकार नहीं होता है ‘अभागीदारी अधिमानी अंश’ (Non-participating Share) कहलाता है |

3. मोचनीय एवं अमोचनीय अधिमानी अंश

जब कंपनी के संगम अनुच्छेद में उपबंध कर अंशों पर प्राप्त राशि को लौटाने का अधिकार प्रदान किया जाता है तब अंशों पर प्राप्त पूँजी को लौटाने के इस अधिकार को मोचन कहा जाता है. यदि कंपनी के संगम अनुच्छेदों में ऐसा प्रावधन है जो कंपनी को मोचन का अधिकार प्रदान करता है तो कंपनी द्वारा अधिमानी अंश इस शर्त पर जारी किये जा सकते हैं कि कंपनी के लाभ की राशि अथवा नये अंशों के निर्गम से प्राप्त राशि से उनका मोचन किया जा सकता है, तब ऐसे अधिमानी अंश को ‘मोचनीय अधिमानी अंश’ (Redeemable Preference Share) कहा जाता है.

दूसरी तरफ जो अधिमानी अंश कंपनी द्वारा मोचनीय नहीं होते हैं, वे ‘अमोचनीय अधिमानी अंश’ (Non Redeemable Preference Share) कहलाते हैं. दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि कंपनी के संगम अनुच्छेदों द्वारा कंपनी को अधिमानी अंशों का मोचन कराने का अधिकार नहीं दिया जाता है तब उसके द्वारा जारी अधिमानी अंशों की अमोचनीय अधिमान अंश समझा जाता है |

4. परिवर्तनशील एवं अपरिवर्तनशील अधिमानी अंश

परिवर्तनशील अधिमानी अंश धारकों को यह अधिकार प्राप्त होता है कि वे निश्चित अवधि या किसी निश्चित तिथि तक अपने अंशों को सामान्य अंशों में परिवर्तित करा सकते हैं. ऐसे अंशों को परिवर्तनशील अधिमानी अंश (Convertible Preference Share) कहा जाता है.

जिन अधिमानी अंशों पर इस प्रकार का अधिकार प्रदान नहीं किया जाता है, वे अपरिवर्तनशील अधिमानी अंश (Non Convertible Preference Share) कहलाते हैं |

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