जबरी छुट्टी का अर्थ, परिभाषा एवं प्रतिकर पाने का अधिकार?

जबरी छुट्टी का अर्थ जबरी छुट्टी का अर्थ है-नियोजक (मालिक) को कोयला, शक्ति (Power) अथवा कच्चा माल की कमी अथवा माल के अभाव या मशीन की खराबी अथवा प्रकृति के प्रकोप अथवा कोई अन्य सम्बन्धित कारण से, कामगार जिसका नाम उसके औद्योगिक व्यवस्थापन की उपस्थिति नामावली में अंकित है और जिसकी छंटनी नहीं हुई है … Read more

एक कंपनी में कितनी प्रकार की बैठकें (सभाएं) होती हैं?

कंपनी की बैठक कंपनी की प्रशासनिक व्यवस्था में बैठकों अर्थात सभाओं एवं अधिवेशनों (Meetings) का महत्वपूर्ण स्थान है. बैठक से अभिप्राय कंपनी के सदस्यों का एक साथ मिल बैठकर किसी विषय पर चर्चा अथवा विचार विमर्श करने से है | कंपनी की बैठकों के प्रकार? कंपनी की बैठकें या सभाएं चार प्रकार की होती है. … Read more

अंशों की जब्ती कब की जा सकती है? इसकी क्या प्रक्रिया है?

अंशों की जब्ती क्या है? कम्पनी के प्रत्येक अंशधारी का यह कर्तव्य है कि वह समय पर मांग की राशि का भुगतान करे. यदि कोई अंशधारी मांग की राशि का भुगतान करने में विफल रहता है तो कम्पनी के द्वारा उसके विरुद्ध समुचित कार्यवाही की जा सकती है. ऐसी कार्यवाही में अंशों की जब्ती भी … Read more

पुनरीक्षण की परिभाषा, प्रक्रिया एवं न्यायालय की पुनरीक्षण की शक्तियां?

पुनरीक्षण की परिभाषा किसी मामले में चाहे वह लम्बित हो या निर्णीत किया जा चुका हो उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय द्वारा किसी अधीनस्थ न्यायालय द्वारा की जाने वाली कार्यवाही या दिये ज जाने वाले निर्णय या दण्डादेश की शुद्धता या वैधता या औचित्य की जांच करना पुनरीक्षण कहलाता है | पुनरीक्षण की प्रक्रिया क्या … Read more

माध्यस्थम् का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार?

मध्यस्थता या माध्यस्थम् का अर्थ माध्यस्थम्/मध्यस्थता का शाब्दिक अर्थ पक्षकारों के पारस्परिक समझ और समझौते से विवादों या मतभेदों का समाधान है जिसमें पक्षकारों के अधिकारों और दायित्वों को न्यायिक दृष्टिकोण से निर्धारित किया जाता है और यह पक्षकारों पर बाध्यकारी होता है और जो पक्षकार स्वयं करते हैं एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण की स्थापना करके … Read more

न्यायालय की अवमानना का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार?

न्यायालय की अवमानना का अर्थ? न्यायालय की अवमानना का तात्पर्य इस बात से लगाया जा सकता हैं. न्यायालय की अपनी गरिमा होती है. न्यायालय का वातावरण अत्यंत शांत व गम्भीर होता है. मामलों की सुनवाई के समय पक्षकारों से, अधिवक्ताओं से और अन्य सभी व्यक्तियों से शांति और शालीनता बनाये रखने की अपेक्षा की जाती … Read more

विधिक व्यवसाय की परिभाषा, विशेषताएं एवं भारत में विधिक व्यवसाय के इतिहास?

विधिक व्यवसाय की परिभाषा विधि बहुत जटिल होती है, अधिनियमों तथा नियमों की भाषा अत्यन्त जटिल होती है. जिस कारण उसे समझना आसान नहीं होता है. इन अधिनियमों को समझने के लिये योग्य व्यक्ति की आवश्यकता होती है, जो कि अधिवक्ता कहलाता है. इस प्रकार सरल भाषा में कहा जा सकता है कि अधिवक्ता द्वारा … Read more

व्यावसायिक नैतिकता से आप क्या समझते हैं?

व्यावसायिक नैतिकता का अर्थ व्यावसायिक नैतिकता को विधि द्वारा परिभाषित नहीं किया गया है. वकालत के व्यवसाय के क्षेत्र में व्यावसयिक नैतिकता (Professional Ethics) उसे कहा जा सकता है जो कि अधिवक्ताओं द्वारा अपने कर्त्तव्यों का पालन करते समय तथा अधिकारों का उपयोग करते समय अपनाई जाती हैं. यह ऐसी आचरण संहिता है जिसके अधीन … Read more

बौद्धिक संपदा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं प्रकृति?

बौद्धिक संपदा का अर्थ शब्द संपदा का सामान्य अर्थ सम्पत्ति से लिया जाता है. यह दोनों शब्द समानार्थी हैं. अभौतिक या अमूर्त (Immaterial) वस्तुओं में साम्पत्तिक अधिकार (Property Rights) एक विशिष्ट स्थान रखता है. यही कारण है कि इनके सन्दर्भ में शब्द सम्पत्ति के स्थान पर सम्पदा (Heritage) शब्द का प्रयोग किया जाता है | … Read more

भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत विशेषाधिकार संसूचनायें क्या है?

विशेषाधिकार संसूचनायें इसे विशेषाधिकार प्राप्त संचार या विशेषाधिकार युक्त संसूचना भी कहते हैं. भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 121 से 132 तक का सम्बन्ध विशेषाधिकृत संसूचनाओं से है. साक्षी जब न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए उपस्थित होता है तो वह सभी सुसंगत प्रश्नों का तथा ऐसे प्रश्नों का जो उसकी विश्वसनीयता पर आक्षेप (Objection) … Read more