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WIPO से आप क्या समझते हैं?
WIPO क्या है? WIPO का पूरा नाम ‘विश्व बौद्धिक व्यापार संगठन (World Intellectual Property Organization) हैं’. WIPO की स्थापना 1967 में की गयी थी. इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विटजरलैण्ड में है. WIPO राष्ट्रों के मध्य सहयोग एवं अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों की सहभागिता के जरिये सम्पूर्ण विश्व में बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है.
WIPO एक सुविधा प्रदाता की भूमिका में है ताकि बौद्धिक संपदा की रक्षा हेतु विधिक प्रजातियों का विकास आसानी से हो सके. अपने सदस्य देशों की बैठकें आयोजित करके WIPO उन्हें अपने मतभेदों को दूर करने और बौद्धिक संपदा से संबंधित मुद्दों पर अपने विवाद सुलझाने का अवसर देता है. बौद्धिक संपदा की रक्षा से संबंधित सभी संस्थाएं प्रायः WIPO द्वारा ही प्रशासित है. यह बौद्धिक संपदा रक्षण के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय निगरानी अभिकरण भी है.
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का उद्देश्य WIPO का दर्शन है कि सभी देशों के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिए बौद्धिक संपदा एक महत्वपूर्ण औजार है. यह दर्शन ही WIPO को मूर्त रूप देता है जो विश्व स्तर पर बौद्धिक संपदा के प्रभावकारी इस्तेमाल और रक्षण को प्रोन्नत करता है. WIPO की बैठकों में नियमित रूप से सरकारों, अधिकारधारकों के दल एवं नागरिक समाज के दावेदारों को एक मंच पर आने का मौका मिलता है ताकि वर्तमान चुनौतियों के ऊपर सार्थक बहस का मार्ग प्रशस्त किया जा सके.
WIPO द्वारा उभरते हुए मुद्दों पर पारिश्रमिक देकर अध्ययन कराया एवं उसे प्रकाशित किया जाता है. इसके मुफ्त प्रकाशनों में इसकी व्याख्या की जाती है कि WIPO कैसे कार्य करता है और किस प्रकार एक संतुलित बौद्धिक संपदा प्रणाली को प्रोन्नत करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है |
WIPO के कार्य
WIPO के कार्य क्या हैं? विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का कार्य अपने सदस्य राष्ट्रों के मध्य बौद्धिक संपदा विधायन, मानकों एवं प्रक्रियाओं के प्रगतिशील विकास एवं तालमेल को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी विपो की है. WIPO वर्तमान समय में सदस्य राष्ट्रों के साथ पारम्परिक ज्ञान, पारम्परिक अभिव्यक्तियों एवं आनुवंशिक संसाधनों के क्षेत्र में बौद्धिक संपदा के मुद्दों की पहचान करने में लगा है.
WIPO ऐसे कई कार्यक्रम संचालित करता है जिसका उद्देश्य विकासशील देशों द्वारा आर्थिक विकास के एक औजार के रूप में बौद्धिक संपदा के प्रभावकारी इस्तेमाल को बढ़ाना है. इन कार्यक्रमों में सदस्य देशों द्वारा अपनी बौद्धिक संपदा विधायी संस्थागत एवं मानव संसाधन को उन्नत बनाने हेतु उठाये गये कदमों में उन्हें तकनीकी सहायता और सार्वजनिक नीति के विकल्पों की सूचना हेतु आर्थिक अध्ययन एवं सामग्री मुहैया कराना शामिल है. सार्वजनिक रूप से सुलभ की जाने वाली सामग्री को WIPO द्वारा सृजित एवं प्रसारित किया जाता है.
इसका उद्देश्य सर्जनात्मक एवं नवनवोन्मेष को बढ़ावा देना और इस समझ का विकास करना है कि उक्त सर्जनात्मकता आदि से फलित बौद्धिक संपदा की रक्षा किस तरह की जाय और उससे लाभान्वित हुआ जाय. सेमिनारों एवं सूचना उत्पादों के जरिये विशिष्ट समूहों जैसे लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों, शोध संस्थानों एवं नीति निर्माताओं को लक्ष्य किया जाता है ताकि इनमें बौद्धिक संपदा के बारे में जागरूकता लायी जा सके |
WIPO संगठन और सदस्यता
WIPO के कितने सदस्य हैं? इस समय WIPO के 184 सदस्य देश हैं जो विश्व के सभी देशों के 90 फीसदी हैं. भारत भी इस संगठन का एक सदस्य है. इसका सचिवालय जेनेवा में स्थित है. तकरीबन 90 देशों से चयनित WIPO के स्टाफ में बौद्धिक संपदा विधि के अन्यान्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों के अतिरिक्त सार्वजनिक नीति, अर्थशास्त्र प्रशासन और सूचना प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ भी शामिल रहते हैं.
सचिवालय के कई प्रखण्ड हैं जो सदस्य देशों की बैठकें आयोजित करने एवं उनके निर्णयों को क्रियान्वित करने, अन्तर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पंजीकरण प्रणाली के प्रशासन, WIPO के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु कार्यक्रम और क्रियान्वयन एवं सदस्य राष्ट्रों को बौद्धिक संपदा के दावेदारों के विस्तृत क्षेत्र जिसमें अन्तर-सरकारी संगठन, गैर-सरकारी संगठन, नागरिक समाज के प्रतिनिधि एवं उद्योग समूहों के प्रतिनिधि शामिल रहते हैं के साथ मिलकर काम करते हैं. प्रत्येक दो वर्ष के बाद WIPO के महानिदेशक द्वारा सदस्य देशों के अनुमोदन हेतु कार्यक्रम एवं बजट कथन प्रस्तुत किये जाते हैं.
लोगों में WIPO की नीतियों, रीतियों एवं उद्देश्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस संगठन द्वारा वार्षिक रिपोर्ट, द्विवार्षिक आर्थिक प्रबन्ध रिपोर्ट और बौद्धिक संपदा के रक्षण हेतु गाइड आदि का प्रकाशन किया जाता है. इनमें ‘WIPO इनटेलेक्चुअल प्रापर्टी हैण्डबुक पालिसी, लॉ एण्ड यूस’ अपने प्रस्तुतीकरण की स्पष्टता के कारण काफी लोकप्रिय है. ये सभी प्रकाशन आन लाइन, अर्थात WIPO की आधिकारिक वेवसाइट पर उपलब्ध हैं |