न्यूसेंस क्या है? | न्यूसेंस का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं आवश्यक तत्व

What is Nuisance? , Meaning, definition, types and essential elements of nuisance

न्यूसेंस का अर्थ

अपदूषण या उपताप को प्रचलित या अंग्रेजी भाषा में न्यूसेंस कहते हैं. ‘न्यूसेंस’ शब्द फ्रेन्द शब्द ‘न्यूरे’ तथा लैटिन शब्द ‘नोसेरे’ से लिया गया है, जिसका अभिप्राय होता है. ‘बाधा पैदा करना तथा हानि पहुँचाना.’ व्यापक अर्थों में न्यूसेंस का अर्थ है ”किसी अन्य व्यक्ति की भूमि, भवन या सम्पत्ति को हानि पहुँचाना या उसमें इस प्रकार का हस्तक्षेप करना कि यह हस्तक्षेप अतिचार के अन्तर्गत न रखा जा सके.” |

न्यूसेंस की परिभाषा

न्यूसेंस क्या होता है? न्यूसेंस की परिभाषा विभिन्न विधिशास्त्रियों ने भिन्न-भिन्न प्रकार से की है. कुछ प्रमुख परिभाषाएं निम्नलिखित है-

विनफील्ड के अनुसार, “न्यूसेंस एक ऐसा अनुचित कृत्य कहा जा सकता है जिससे किसी की भूमि आदि में अनधिकार हस्तक्षेप का भान हो.”

ब्लैकस्टोन के अनुसार, “किसी सम्पत्ति पर कब्जा रखने वाले व्यक्ति के अधिकार को आघात पहुँचाना ताकि उसके उपभोग में अवरोध उत्पन्न हो और अन्य द्वारा सम्पत्ति या अधिकार का गलत ढंग से प्रयोग किया जाये, न्यूसेंस कहलाता है.”

सामण्ड के अनुसार, न्यूसेंस का तात्पर्य उन कृत्यों से है जिनमें कोई व्यक्ति बिना किसी कानूनी औचित्य के अपनी भूमि से दूसरे की भूमि पर क्षतिकारक वस्तुओं के जाने या पहुँचने के लिए आज्ञा देता है.” |

न्यूसेंस के आवश्यक तत्व

1. अनुचित हस्तक्षेप

न्यूसेंस के लिए प्रतिवादी का कृत्य अनुचित हस्तक्षेप की श्रेणी में आना चाहिए. यद्यपि न्यूसेंस के लिए प्रतिवादी के कृत्य का अनुचित हस्तक्षेप होना आवश्यक है, परन्तु प्रत्येक अनुचित हस्तक्षेप न्यूसेंस नहीं माना जा सकता. किसी कृत्य का न्यूसेंस होना या न होना उसकी परिस्थिति, निरन्तरता एवं प्रकृति के आधार पर तय किया जाता है.

क्रिस्टी बनाम डेवी (1893) के वाद में वादी एवं प्रतिवादी एक ही मकान में रहते थे. वादी संगीत की कक्षाएं चलाता था जिससे प्रतिवादी को असुविधा होती थी. अतः वादी जब संगीत की कक्षा चलाता था तो प्रतिवादी दीवार पीट-पीट कर शोर मचाता था. न्यायालय ने प्रतिवादी के कृत्य को अनुचित हस्तक्षेप मानते हुए उसे न्यूसेंस का दोषी माना.

2. भूमि या इससे सम्बन्धित अधिकार के प्रति हस्तक्षेप

न्यूसेंस में दायित्व के लिए हस्तक्षेप अनुचित होने के साथ-साथ भूमि या उससे सम्बन्धित अधिकारों में होना चाहिये. यह हस्तक्षेप किसी भी प्रकार का हो सकता है. उदाहरण के लिए दूसरे की भूमि में धुआँ, गैस आदि छोड़ना अर्थात पेड़ की डाल अथवा जड़ें उगाना न्यूसेंस माना जाता है. भूमि से सम्बन्धित अधिकारों में हस्तक्षेप, जैसे अवलम्बन के अधिकार में हस्तक्षेप भी न्यूसेंस है.

प्राकृतिक अधिकारों, जैसे वायु अथवा प्रकाश प्राप्त करने के अधिकारों में हस्तक्षेप भी न्यूसेंस माना जाता है. इसी प्रकार शारीरिक सुख-सुविधा में हस्तक्षेप भी न्यूसेंस माना जा सकता है. यदि एक व्यक्ति के अधिकार के उपभोग से दूसरों की सुख-सुविधा में अनुचित हस्तक्षेप होता है तो इसे न्यूसेंस माना जायगा, जैसे- जोर-जोर से गाना, निरन्तर घण्टे बजाना, अशांत सराय आदि.

3. क्षति

न्यूसेंस तभी अनुयोज्य होता है जबकि प्रतिवादी के अनुचित कार्य से वादी को क्षति हुई हो. न्यूसेंस के लिए दायित्व स्थापित करने के लिए क्षति को सारवान् होना चाहिये |

न्यूसेंस के प्रकार

न्यूसेंस निम्नलिखित दो प्रकार का होता है-

  1. पब्लिक न्यूसेंस,
  2. प्राइवेट न्यूसेंस.

1. पब्लिक न्यूसेंस

पब्लिक न्यूसेंस किसी ऐसी भूल को कहते हैं जिससे सामान्य आघात, खतरा, जनता के लिए परेशानी या समीप में रहने वाले आम लोगों के लिए परेशानी उत्पन्न हो अथवा उन व्यक्तियों के लिए आघात, खतरा, रुकावट उत्पन्न हो जो किसी सार्वजनिक अधिकार का प्रयोग करने का अवसर पा सकते हैं.

पब्लिक न्यूसेंस ऐसे कार्यों को कहते हैं जिससे सार्वजनिक अधिकारों में अवरोध उत्पन्न होता है तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामान्य जनता के सुख में बाधा पहुँचती है. जैसे शोर मचाना, खराब गैस, गन्ध आदि करना या किसी ऐसी वस्तु का प्रयोग करना जो पड़ोसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. कोई अपराध पूर्ण व्यायाम करना, किसी ऐसे व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर ले जाना जो संक्रामक रोग से पीड़ित हो, ऐसे खाद्य-पदार्थ को बेचना जो स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त हो, सार्वजनिक मार्ग पर अवरोध उत्पन्न करना, पब्लिक न्यूसेंस हैं, पब्लिक न्यूसेंस एक प्रकार से आपराधिक कृत्य है और प्रशासन का यह दायित्व है कि वह इसके विरुद्ध कार्यवाही करे, केवल कुछ ही परिस्थितियों में दीवानी दायित्व उत्पन्न होता है.

पक्कल तथा अन्य बनाम री० आपासामी गनपथी तथा अन्य (AIR 1969 Mad 351) इसमें वादी ने गाँव के एक व्यक्ति की ओर से एक प्रतिनिधि वाद दायर किया जिसमें प्रतिवादीगण को सरकारी तालाब में नमक के कड़ाहे रखने से रोकना चाहा, तालाब सार्वजनिक था. न्यायालय में वाद लाये जाने पर न्यायालय ने कहा कि गाँव के लोग इसका उपयोग करते रहे हैं अतः हस्तक्षेप किया जा सकता है यद्यपि वादी की भूमि पर नहीं. दावा स्वीकार किया गया |

पब्लिक न्यूसेंस के उपचार

इस प्रकार इस न्यूसेंस के दो उचित उपचार हैं-

  1. दीवानी कार्यवाही
  2. दाण्डिक कार्यवाही

1. दीवानी कार्यवाही

दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के अनुसार, पब्लिक न्यूसेंस के मामलों में एडवोकेट जनरल स्वयं अथवा एडवोकेट जनरल की लिखित आज्ञा से दो या दो से अधिक व्यक्ति वाद दायर कर सकते हैं, भले ही इससे विशेष क्षति न पहुँची हो.

2. दाण्डिक कार्यवाही

पब्लिक न्यूसेंस एक अपराध माना जाता है और उसके विरुद्ध दाण्डिक कार्यवाही करना राज्य का दायित्व है |

2. प्राइवेट न्यूसेंस

बिना किसी विधिक औचित्य के एक व्यक्ति ने निजी सम्पत्ति का उपभोग करना और दूसरे व्यक्ति की सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाना अथवा किसी व्यक्ति की सम्पत्ति या तत्सम्बन्धी स्वामित्व के अधिकार में अनुचित हस्तक्षेप करना आदि को प्राइवेट न्यूसेंस कहा जाता है, यदि यह अनुचित हस्तक्षेप अतिचार की श्रेणी में न आता हो.

डॉक्टर अण्डरहिल के अनुसार, “प्राइवेट न्यूसेंस में प्रकाश एवं वायु में बाधा, दूषित गैस या शोर, कीचड़, कीटाणु आदि का अवैध पलायन सम्मिलित है.” |

प्राइवेट न्यूसेंस के आवश्यक तत्व

1. हस्तक्षेप

दूसरे की सम्पत्ति के उपभोग अथवा सुख-सुविधा के अधिकार में हस्तक्षेप प्राइवेट न्यूसेंस या व्यक्तिगत न्यूसेंस में आता है, परन्तु प्रत्येक हस्तक्षेप न्यूसेंस नहीं माना जा सकता है.

2. अवैधता

हस्तक्षेप करने वाला कार्य अवैध होना चाहिये. विधि द्वारा मान्य कृत्य न्यूसेंस नहीं होते हैं.

3. क्षति

अवैध कृत्य से वास्तविक क्षति प्रमाणित होनी चाहिये. इस प्रकार के एक प्रसिद्ध मामले में प्रतिवादी के मकान का छज्जा वादी के बाग को ढँकता था. न्यायालय का मत था कि ऐसे मामलों में न्यायालय क्षति का अनुमान कर सकता है, क्योंकि छज्जे से पानी गिरता था जो बाग को क्षति पहुँचाता था.

5. भूमि के लिए नुकसान

ऐसी धारणा है कि प्राइवेट न्यूसेंस भूमि अथवा उससे सम्बन्धित अधिकारों के उपभोग को आघात पहुँचाने तक ही सीमित है. यदि बाधा इस प्रकार की है कि उसमें व्यक्तिगत आघात ही दावा का मुख्य कारण हो तो यह अतिचार या असावधानी के अन्तर्गत आयेगा, न्यूसेंस के अन्तर्गत नहीं |

प्राइवेट न्यूसेंस के प्रकार

1. सम्पत्ति को क्षति

सम्पत्ति को हानि पहुँचाने वाले उपतापों के मामलों में कैसा भी संवेद्य आघात कार्यवाही हेतु पर्याप्त माना जाता है.

“जो कृत्य एक क्षेत्र में न्यूसेंस हो सकता है, वही कृत्य दूसरे क्षेत्र में न्यूसेंस नहीं भी हो सकता है.” इसी बाद में यह भी कहा गया था कि कोई कृत्य न्यूसेंस है या नहीं, इसका निर्णय करते वक्त न केवल वह कृत्य बल्कि आसपास का वातावरण भी विचार में लिया जाना चाहिये.

हालीवुड सिलवर फॉक्स फार्म बनाम ऐमेट (1936) वादी अपने फार्म पर सिलवर फॉक्स (श्वेत लोमड़ियों) के प्रजनन का व्यवसाय करता था. प्रजनन काल में लोमड़ियाँ अत्यन्त नाजुक रहती हैं और डराने अथवा परेशान किये जाने पर यह सम्भावना रहती है कि वे प्रजनन न करें या गर्भपात कर दें या बच्चों को मार डालें.

प्रतिवादी का फार्म भी वादी के फार्म से मिला हुआ था, जिस पर प्रतिवादी भवन निर्माण कराना चाहता था. वादी प्रतिवादी में प्रजनन फार्म का बोर्ड हटाने के प्रश्न पर असहमति थी जिसके कारण प्रतिवादी अपनी बन्दूक में बारूद भरकर अपने फार्म से वादी के फार्म की तरफ प्रजनन-काल में लगातार फायर करता रहा जिससे उस प्रजनन ऋतु में वादी की लोमड़ियों ने कोई प्रजनन नहीं किया. प्रतिवादी का यह कृत्य न्यूसेंस के अन्तर्गत माना गया.

2. शारीरिक परेशानी

शारीरिक परेशानी (Physical discomfort) उत्पन्न करने वाले न्यूसेंस के लिए दो बातें होनी चाहिये-

  1. कृत्य प्राकृतिक एवं सामान्य क्रम में सम्पत्ति के उपभोग में अधिकता में होनी चाहिये और
  2. वह कृत्य मानव अस्तित्व के सामान्य सुख-सुविधा में सारभूत रूप से हस्तक्षेप करता हो |

प्राइवेट न्यूसेंस हेतु उपचार

प्राइवेट न्यूसेंस में तीन प्रकार के उपचार उपलब्ध हैं-

1. उपशमन

उपशमन (Abatement) का अभिप्राय प्रभावित व्यक्ति द्वारा न्यूसेंस या बाधा को हटा देने से है. यह उपशमन शान्तिपूर्ण तथा जान-माल के खतरे से रहित होना चाहिये.

2. क्षतिपूर्ति

न्यूसेंस के मामलों में यह देखा जाता है कि क्या प्रतिवादी के कृत्य से वादी को क्षति हुई है न कि यह कि क्या वादी ने अपनी सम्पत्ति का युक्तियुक्त प्रयोग किया है या नहीं.

3. व्यादेश

न्यूसेंस के विरुद्ध व्यादेश प्राप्त तभी किया जा सकता है. जबकि यह प्रमाणित कर दिया जाय कि क्षति अपनी गम्भीरता अथवा स्थायित्व अथवा दोनों प्रकृति की वजह से ऐसी है जिसकी भरपाई क्षतिपूर्ति के द्वारा नहीं की जा सकती है.

न्यूसेंस के वाद से बचाव

न्यूसेंस की कार्यवाही में निम्नलिखित बचाव लिये जा सकते हैं-

1. अनुदान

यह बचाव लिया जा सकता है कि न्यूसेंस किसी अनुदान (Grant) या आज्ञा के अन्तर्गत है.

2. चिरभोगाधिकार

यह चिरभोगाधिकार (Prescription) केवल प्राइवेट न्यूसेंस के लिए मान्य है. यदि किसी उपताप को 20 वर्ष तक सुखाधिकार के रूप में बिना किसी रुकावट के उपभोग किया गया है तो चिरभोगाधिकार एक सफल बचाव है.

3. परिनियमित अधिकार

यदि किसी व्यक्ति को कोई कृत्य करने का अधिकार किसी परिनियम (Statute) ने प्रदान किया है तो उसके विरुद्ध न्यूसेंस की कार्यवाही नहीं जा सकती है. परन्तु यदि वह उस अधिकार के प्रयोग में प्रमाद बरतता है अथवा युक्तियुक्त सावधानी नहीं बरतता है तो उसके विरुद्ध वाद चलाया जा सकता है |

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