न्यूनतम मजदूरी क्या है? | मजदूरी के प्रकार

न्यूनतम मजदूरी अधिनियम श्रमिक वर्ग का किसी देश के आर्थिक विकास में सर्वाधिक योगदान होता है इसलिए सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था में उन्हें महत्वपूर्ण स्थान मिलना चाहिए. औद्योगिक विकास के वर्तमान युग में यदि श्रमिक वर्ग असंतुष्ट है उसे उचित मजदूरी नहीं दी जाती उसका शोषण किया जाता है तो इसे औद्योगिक विकास का युग … Read more

मुस्लिम विधि के स्रोत

मुसलमानों की विधि दैवी प्रकाशन पर आधारित है और उनके धर्म से मिश्रित है. सर अब्दुल रहीम के शब्दों में हुकूम वह है, जो ख़ुदा के पैगाम ‘खिताब’ के द्वारा इंसान के काम के हवाले से माँग या उदासीनता जाहिर करता हो या तो महज इस्तकारिया ही कायम किया गया हो. इस्लाम में खुदा ही … Read more

मेहर का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार

मेहर का अर्थ मुस्लिम विधि के अनुसार, जब मुसलमान स्त्री का विवाह किसी मुसलमान पुरुष के साथ सम्पन्न होता है तो पति अपनी पत्नी को कुछ धनराशि देने का वचन देता है. धनराशि देने की शर्त निकाह के साथ ही घोषित कर दी जाती है और यदि निकाहनामा लिखित रूप में हुआ हो तो दस्तावेज … Read more

हिबा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं आवश्यक तत्व

मुस्लिम लॉ में कोई भी मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा ही वसीयत कर सकता है. ऐसा हिस्सा वह किसी बाहरी व्यक्ति को वसीयत कर सकता है, जो उत्तराधिकारी शरीयत द्वारा तय किए गए हैं, उन्हें वसीयत अन्य उत्तराधिकारियों की सहमति द्वारा ही की जा सकती है परंतु मुस्लिम लॉ में हिबा नाम … Read more

पृथ्वी शिखर सम्मेलन | पृथ्वी शिखर सम्मेलन की उपलब्धियाँ एवं उद्देश्य

पृथ्वी शिखर सम्मेलन पृथ्वी शिखर सम्मेलन, पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCED) ब्राजील के रियो डे जेनरो (Rio De Jenerio) नामक स्थान पर जून 3, 1992 से जून 14, 1992 तक चला. यह सम्मेलन जानबूझ कर स्टॉकहोम कान्फ्रेन्स ऑन मन इनवायरमेन्ट, 1972 की 20 वीं वर्षगांठ वर्ष में सम्पन्न किये जाने हेतु निर्धारित … Read more

कंपनी का निगमन क्या है?

कंपनी का निगमन कंपनी के निगमन को कंपनी के विनिर्माण का द्वितीय चरण कहा जाता है. कंपनी का निगमन होते ही कंपनी अपना अस्तित्व प्राप्त कर लेती है. कंपनी के निगमन के पूर्व आवश्यकतायें अंशों के निर्मित करने तथा विवरण पत्र प्रस्तुत करने के पूर्व कंपनी के ज्ञापन पत्र के योगकर्ताओं को कम्पनियों के पंजीयक … Read more

विधिशास्त्र का अर्थ, परिभाषा एवं महत्व

विधिशास्त्र का अर्थ विधिशास्त्र शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के दो शब्दों से हुई है ‘Juris’ एवं ‘Prudentia’ पहला शब्द है ‘Juris’ जिसका मतलब होता है विधि या कानून तथा दूसरा शब्द है ‘Prudentia’ जिसका मतलब होता है ज्ञान. अत: शाब्दिक रूप से विधिशास्त्र (Jurisprudence) का अर्थ होता है विधि या कानून का ज्ञान. विधिशास्त्र … Read more

अंश पूंजी के प्रकार

कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 43 के अनुसार, अंश सीमित कम्पनी की अंश पूंजी दो प्रकार की होती है. 1. ईक्विटी अंश पूंजी 2. अधिमान्य प्राप्त अंश पूंजी परन्तु इस अधिनियम की कोई भी बात उन अधिमान्यता प्राप्त अंशधारियों के प्रति लागू नहीं होगी जो कम्पनी के परिसमापन की दशा में उससे प्राप्त होने वाली … Read more

अंश का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार | पूर्वाधिकार अंश के प्रकार

अंश का अर्थ ‘अंश’ जिसे प्रचलित भाषा में ‘शेयर’ कहा जाता है, कंपनी के लिए अर्थ संग्रहण अर्थात पूँजी जुटाने का एक महत्वपूर्ण स्रोत अथवा साधन है. कंपनी के व्यापार, व्यवसाय एवं कारबार के संचालन में अंशों का अहम योगदान रहता है. कंपनी अंशों, ऋणपत्र एवं स्थायी जमा आदि संसाधनों से ही पूँजी जुटाती है … Read more

पब्लिक कंपनी एवं प्राइवेट कंपनी क्या है? दोनों में क्या अंतर है?

पब्लिक/सार्वजनिक/लोक कंपनी कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(71) के अनुसार “लोक कंपनी का तात्पर्य ऐसी कंपनी से है जो प्राइवेट कंपनी नहीं है, जिसकी ऐसी पूँजी है जो विहित की जायें. कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2015 द्वारा शब्द “जिसकी पाँच लाख रुपये की न्यूनतम समादत्त पूंजी या ऐसी उच्चतर समादत्त पूँजी” विलोपित कर दिये गये हैं. … Read more