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बौद्धिक संपदा का अर्थ
शब्द संपदा का सामान्य अर्थ सम्पत्ति से लिया जाता है. यह दोनों शब्द समानार्थी हैं. अभौतिक या अमूर्त (Immaterial) वस्तुओं में साम्पत्तिक अधिकार (Property Rights) एक विशिष्ट स्थान रखता है. यही कारण है कि इनके सन्दर्भ में शब्द सम्पत्ति के स्थान पर सम्पदा (Heritage) शब्द का प्रयोग किया जाता है |
बौद्धिक संपदा की परिभाषा
जेरेमी फिलिप्स के अनुसार, बौद्धिक संपदा से अभिप्राय ऐसी वस्तुओं से है जो व्यक्ति द्वारा बुद्धि के प्रयोग से उत्पन्न होती है.
बौद्धिक संपदा बौद्धिक श्रम से उत्पन्न होने वाला उत्पाद है. यह ज्ञान, विचार और प्रतिभा की एक मिली जुली बाह्य अभिव्यक्ति है. बौद्धिक संपदा के मुख्य विषय सामान्यतः लेखकों की रचनायें एवं आविष्कारकर्ताओं के आविष्कार माने जाते हैं.
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सॉमण्ड (Salmond) के अनुसार, भौतिक संपदा वे अभौतिक वस्तुयें हैं जो विधि द्वारा मानव-कौशल और श्रम के अभौतिक उत्पाद के रूप में मान्यता प्राप्त करती हैं.
इस प्रकार भौतिक संपदा ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जो अभौतिक या अमूर्त होती हैं जिनको विधि अधिकारों की विषय-वस्तु मानती है.
ब्लैकस्टोन के अनुसार, अन्य मूर्त सम्पत्तियों की भांति बौद्धिक संपदा जिसका स्वरूप अमूर्त होता है, को राज्य ने विधि के माध्यम से सम्पत्ति की सामान्य व्याख्या के अन्तर्गत मान्यता प्रदान की है. जब कोई व्यक्ति अपनी विवेक पूर्ण क्षमता के प्रयोग से किसी मौलिक कृति का उत्पादन करता है तो वह अपनी इच्छानुसार उस मौलिक कृति के व्ययन का अधिकार रखना चाहता है और उसके द्वारा की गई व्यवस्था से भिन्न कोई प्रयत्न उसके अधिकारों पर अतिक्रमण माना जाता है.
बौद्धिक संपदा में मुख्यतया निम्नांकित विषयों को सम्मिलित किया गया है-
- प्रतिलिप्यधिकार (Copyright);
- एकस्व (Patent);
- व्यापार-चिन्ह (Trade Mark);
- डिजाइन (Design) |
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बौद्धिक संपदा के मुख्य प्रकार?
बौद्धिक संपदा मुख्यतः चार प्रकार की होती है-
1. प्रतिलिप्यधिकार (Copyright)
कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 14 के अनुसार, कॉपीराइट निम्नलिखित कृतियों या उसके किसी पर्याप्त भाग के सम्बन्ध में कुछ कार्यों में से किसी को करने या उसका किया जाना प्राधिकृत (Authorized) करने का अनन्य (Unique) अधिकार होता है-
- साहित्यिक, नाट्य, संगीतात्मक और कलात्मक कृतियाँ
- चलचित्र फिल्म (Movie Film) और
- ध्वन्यंकन (Recording) |
2. एकस्व (Patent)
पेटेन्ट अधिनियम, 1970 की धारा 2 (1) (ड) के अनुसार, पेटेन्ट से इस अधिनियम के अधीन किसी अविष्कार के लिए अनुदत्त (Granted) पेटेन्ट अभिप्रेत है |
3. व्यापार-चिन्ह (Trade Mark)
व्यापार चिन्ह अधिनियम, 1999 की धारा 2 (1) (य ख) के अनुसार, व्यापार चिन्ह से ऐसा चिन्ह, जो आलेखीय रूपण (Graphical Representation) किये जाने योग्य है और एक व्यक्ति के माल या सेवाओं को अन्य से भिन्न करने के योग्य हैं |
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4. डिजाइन (Design)
डिजाइन अधिनियम, 2000 की धारा 2 (घ) के अनुसार, डिजाइन से दो विमाओं या तीन विमाओं या दोनों प्रकार की किसी वस्तु में किसी औद्योगिक प्रक्रिया या साधन, चाहे शारीरिक, यांत्रिक या रासायनिक द्वारा पृथक या संयुक्त रूप से प्रयुक्त आकार, आकृति, पैटर्न, अलंकरण या रेखाओं या रंगों के संयोजन, का अभिलक्षण अभिप्रेत है जो तैयार वस्तु में आँखों को आकर्षक लगती है और जिसका निर्धारण केवल आँखों द्वारा ही किया जा सकता है |
बौद्धिक संपदा की प्रकृति
बौद्धिक संपदा मुख्यतया अभौतिक (Immaterial), अमूर्त, निगमित प्रकृति की होती है. बौद्धिक संपदा प्रत्येक दशा में स्वामी द्वारा रचित अथवा उत्पादित कुछ निश्चित अभौतिक वस्तु के बारे में अधिकारों के एक समूह द्वारा अस्तित्व में आती है.
अभौतिक वस्तुओं को बौद्धिक संपदा के रूप में मान्यता इस आधार पर प्रदान की गई है कि जो कुछ कोई व्यक्ति अपनी बुद्धि, श्रम, पूँजी एवं कौशल के प्रयोग से उत्पन्न करता है, वह उसकी संपदा होती हैं. व्यक्ति का बौद्धिक अभौतिक उत्पाद उतना ही मूल्यवान होता है जितनी कि भौतिक सम्पत्ति. यही कारण है कि बौद्धिक संपदा में साम्पत्तिक अधिकार (Property Rights) प्रदान किया जाता है. यदि कोई व्यक्ति इन अधिकारों का अतिक्रमण करता है तो विधि में उसके लिए उपचारों का प्रावधान है.
बौद्धिक संपदा के अन्तर्गत भौतिक या मूर्त सम्पत्तियों से पृथक अभौतिक या अमूर्त वस्तुओं से सम्बन्धित ऐसे हित एवं अधिकार आते हैं जिन्हें विधि द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है और उन्हें संरक्षण दिया जाता है.
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परम्परागत तौर पर बौद्धिक संपदा के अन्तर्गत मुख्यतया औद्योगिक सम्पदा और कॉपीराइट को सम्मिलित किया जाता है. औद्योगिक संपदा में सामान्यतया निम्नांकित विषयों को सम्मिलित किया गया है-
- एकस्व (Patent);
- व्यापार-चिन्ह (Trade Mark);
- औद्योगिक डिजाइन (Industrial Design).
कॉपीराइट के अन्तर्गत मुख्यतया निम्नांकित विषय आते हैं-
- मौलिक कृति;
- साहित्यिक कृति;
- संगीतात्मक कृति;
- नाट्य कृति;
- सिनेमेटोग्राफ फिल्म;
- कलात्मक कृति;
- ध्वनि रिकार्डिंग;
- कम्प्यूटर कार्यक्रम; आदि।
कॉपीराइट तथा गोपनीय जानकारी बौद्धिक संपदा की विशिष्ट प्रकृति को अधिक स्पष्ट करते हैं. यद्यपि व्यापार चिन्ह का बौद्धिक सृजन से निकट का सम्बन्ध नहीं है, तथापि इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि पेटेंट, डिजाइन, कॉपीराइट आदि कला, ललित कला एवं क्षेत्र में बौद्धिक प्रयास एवं रचनात्मक क्रियाशीलता के परिणाम हैं. आज बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में निरन्तर वृद्धि होती जा रही है |