एक अधिवक्ता में क्या विशेषतायें होनी चाहिये? | Characteristics Of Advocate

एक कुशल एवं सफल अधिवक्ता के गुण एक अधिवक्ता में क्या विशेषतायें होनी चाहिये? विधि व्यवसाय उतना आसान नहीं है जितना इसे समझा जाता है. यह अत्यन्त जोखिम भरा कार्य है. इस व्यवसाय में सफलता के लिये अधिवक्ता का सभी दृष्टि से कुशल एवं निपुण होना आवश्यक है. सामान्यतया एक सफल अधिवक्ता के लिये निम्नांकित … Read more

एक अधिवक्ता के न्यायालय के प्रति क्या कर्त्तव्य हैं?

अधिवक्ता के न्यायालय के प्रति कर्त्तव्य अधिवक्ता के न्यायालय के प्रति क्या कर्त्तव्य हैं? एक अधिवक्ता के न्यायालय के प्रति क्या-क्या कर्त्तव्य हैं, उनका उल्लेख बार काउन्सिल ऑफ इण्डिया के द्वारा अधिवक्ता अधिनियम की धारा 49 (1) (C) के अन्तर्गत बनाये गये नियम 1 से 10 तक में किया गया है. ये कर्त्तव्य निम्नलिखित हैं- … Read more

एक अधिवक्ता के अपने मुवक्किल के प्रति क्या कर्त्तव्य हैं?

एक अधिवक्ता के अपने मुवक्किल के प्रति कर्त्तव्य अधिवक्ता के अपने मुवक्किल के प्रति क्या कर्त्तव्य हैं? एडवोकेट अधिनियम की धारा 49 (1) (C) के अधीन भारतीय विधिज्ञ परिषद द्वारा जी नियम बनाये गये हैं, उनमें नियम 11 से 33 तक उन नियमों का उल्लेख किया गया है. जिनमें यह बताया गया है कि एक … Read more

एक अधिवक्ता के सामान्य कर्त्तव्य क्या हैं? | Duties Of Advocate

अधिवक्ता के सामान्य कर्त्तव्य अधिवक्ता के सामान्य कर्त्तव्य क्या हैं? अधिवक्ता का कार्य एक पवित्र कार्य है जिसे समर्पित भाव से किया जाना चाहिये. किसी मामले में पैरवी करने के लिए अधिवक्ता को अनेक अधिकार दिये गये हैं उसी प्रकार उस पर अनेक कर्त्तव्य भी आरोपित किये गये हैं. ये कर्त्तव्य निम्नलिखित हैं- 1. अपने … Read more

अधिवक्ताओं के अधिकार क्या है? | Rights Of Advocates

अधिवक्ताओं के अधिकार अधिवक्ता के अधिकार क्या है? अधिवक्ता अपने पक्षकारों की पैरवी अच्छी तरह कर सकें तथा वे स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से न्यायालय के समक्ष अपनी बात रख सकें, इसके लिए अधिवक्ताओं को कई अधिकार प्रदान किये गये हैं- 1. पैरवी करने का अधिकार अधिवक्ताओं का सर्वप्रथम अधिकार न्यायालयों में पैरवी से अभिप्राय … Read more

राज्य विधिज्ञ परिषद क्या है? | राज्य विधिज्ञ परिषद का गठन, कार्य एवं शक्तियां

राज्य विधिज्ञ परिषद क्या है? राज्य विधिज्ञ परिषद किसे कहते हैं? राज्य विधिज्ञ परिषद (State Bar Council) से तात्पर्य अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 3 के अधीन गठित विधिज्ञ परिषद से है. इस प्रकार धारा 3 के अन्तर्गत जो परिषद गठित होती है उसे राज्य विधिज्ञ परिषद कहते हैं | यह भी जाने : भारतीय … Read more

भारतीय विधिज्ञ परिषद क्या है? | भारतीय विधिज्ञ परिषद का गठन, कार्य एवं शक्तियां

भारतीय विधिज्ञ परिषद क्या है? भारतीय विधिज्ञ परिषद (Bar Council of India) से तात्पर्य उन राज्य क्षेत्रों के लिए जिन पर अधिवक्ता अधिनियम, 1961 का विस्तार है, धारा 4 के अधीन गठित विधिज्ञ परिषद से है. इस प्रकार अधिनियम की धारा 4 के अधीन गठित परिषद को भारतीय विधिज्ञ परिषद कहते हैं | यह भी … Read more

भारतीय न्यास अधिनियम के तहत न्यासधारी के अधिकार एवं शक्तियाँ क्या हैं?

न्यासधारी के अधिकार भारतीय न्यास अधिनियम के तहत न्यासधारी को निम्नलिखित अधिकार प्राप्त हैं- 1. स्वत्व विलेख का अधिकार धारा 3 के अनुसार, न्यासधारी को न्यास प्रलेख व न्यस्त सम्पत्ति के स्वत्व के समस्त विलेखों को (यदि कोई हो) अपने पास रखने का अधिकार है. यह अधिकार धारा 13 के उपबन्ध में भी निहित है, … Read more

बौद्धिक सम्पदा अधिकार से आप क्या समझते हैं?

बौद्धिक सम्पदा अधिकारों (Intellectual Property Rights) पर विचार करने से पूर्व यहाँ हमें ‘अधिकार (Right)’ शब्द को जान लेना चाहिये. इसके सम्बन्ध में निम्नलिखित विधिशास्त्रीयों ने अपना मत दिया है- ग्रे (Gray) के अनुसार, समाज द्वारा एक या अधिक व्यक्तियों पर विधिक कर्तव्य लागू करने के परिणामस्वरूप जब किसी व्यक्ति को दूसरे या दूसरों को … Read more

न्यायालय के क्षेत्राधिकार का अर्थ एवं प्रकार

न्यायालय के क्षेत्राधिकार का अर्थ न्यायालय के क्षेत्राधिकार का साधारण अर्थ है किसी न्यायालय के न्याय करने के प्राधिकार की सीमा. उसके सभी प्रकार के क्षेत्राधिकारों की सीमा विधि द्वारा विहित होती है और उसी विहित सीमा के क्षेत्राधिकार के अर्न्तगत वह वादों या अपीलों या आवेदनों को ग्रहण करने में उनकी सुनवाई करने में … Read more