अनुश्रुति साक्ष्य क्या है? | कब अनुश्रुत साक्ष्य ग्राह्य होता है?

अनुश्रुत साक्ष्य अनुश्रुति साक्ष्य किसे कहते है? अनुश्रुत शब्द की परिभाषा साक्ष्य अधिनियम में नहीं दी गई है. यह वह साक्ष्य है जो साक्षी की स्वयं की जानकारी का न हो कर किसी अन्य व्यक्ति से प्राप्त किया गया होता है. यह न्यायालय के बाहर किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया था जो वाद में … Read more

वकील, अधिवक्ता और बैरिस्टर के बीच अंतर?

वकील वकील किसे कहते हैं? “वकील (Lawyer)” का अर्थ होता है कोई व्यक्ति जो कानून पढ़ चुका है और कानूनी सलाह देने और कानूनी मामलों में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करने के योग्य होता है. यह एक व्यापक शब्द है जिससे सॉलिसिटर, बैरिस्टर, एटॉर्नी, और कानूनी सलाहकार जैसे विभिन्न कानूनी विशेषज्ञों का सम्मिलित आभास होता है. … Read more

वृत्तिक ससूचनायें क्या हैं? तथा ये भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अन्तर्गत प्रकटन से किस प्रकार संरक्षित हैं?

वृत्तिक ससूचनायें क्या हैं? वृत्तिक ससूचनायें या पेशेवर संचार क्या हैं? जब नियोजन के अनुक्रम में एक पक्षकार द्वारा दूसरे पक्षकार को दीवानी या आपराधिक विषय पर संसूचना दी जाती है तो इसे वृत्तिक संसूचना (Professional Communication) कहा जाता है. इस प्रकार की संसूचनायें साक्ष्य अधिनियम की धारायें 126, 127, 128 तथा 129 तक विस्तारित … Read more

मृत्युकालिक घोषणा क्या है? | मृत्युकालीन घोषणा का अर्थ एवं आवश्यक शर्ते

मृत्युकालीन घोषणा का अर्थ मृत्युकालिक कथन क्या है? मृत्युकालिक कथन उस कथन को कहते हैं. जिसमें कथन करने वाला अपनी मृत्यु का कारण या उन संव्यवहारिक परिस्थितियों को जिनकी परिणति उसकी मृत्यु में हुई बताता है. जैसे यदि ‘अ’ घायल अवस्था में अस्पताल में है और वह यह कथन करता है कि रात में वह … Read more

न्यायिक अवेक्षा क्या है? इसका क्या सिद्धान्त है?

न्यायिक अवेक्षा क्या है? न्यायिक अवेक्षा (Judicial Notice) का मतलब होता है कि न्यायाधीश द्वारा किसी तथ्य की सत्यता को मान्यता देना. बिना साक्ष्य के यदि किसी तथ्य को न्यायालय सत्य मान लेता है तो कहा जाता है कि न्यायालय ने उस तथ्य को न्यायिक अवेक्षा की है. इसका कारण यह होता है कि ऐसी … Read more

सिविल और आपराधिक मामलों में तथ्यों के सबूत के नियमों के बीच अंतर

दीवानी तथा आपराधिक मामलों में तथ्यों के प्रमाण के नियमों के अंतर दीवानी एवं आपराधिक मामलों में सिद्धिभार में अन्तर दीवानी मामलों में मूलतः सिद्धिभार वादी पर होता है. भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 101 इस बात का उपबन्ध करती है कि सबूत का भार उस व्यक्ति पर होता है जो तथ्यों के अस्तित्व का … Read more

भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत विशेषाधिकार संसूचनायें क्या है?

विशेषाधिकार संसूचनायें क्या है? विशेषाधिकार संसूचनायें क्या है? इसे विशेषाधिकार प्राप्त संचार या विशेषाधिकार युक्त संसूचना भी कहते हैं. भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 121 से 132 तक का सम्बन्ध विशेषाधिकृत संसूचनाओं से है. साक्षी जब न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए उपस्थित होता है तो वह सभी सुसंगत प्रश्नों का तथा ऐसे प्रश्नों का … Read more

भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत सक्षम गवाह कौन है?

सक्षम गवाह कौन है? सक्षम साक्षी कौन है? सामान्य नियम के अनुसार सभी लोग साक्ष्य देने की क्षमता रखते हैं, अक्षमता अपवाद है. भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 118 के अनुसार सभी व्यक्ति साक्ष्य देने के लिए सक्षम होंगे जब तक कि न्यायालय का यह विचार न हो कि कोमलवय (Tender Age), अतिवार्धक्य (Overgrowth), शरीर … Read more

सूचक प्रश्न क्या है उसे कब पूछना चाहिए कब नहीं?

सूचक प्रश्न क्या है? सूचक प्रश्न किसे कहते हैं? धारा 141 भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अनुसार कोई प्रश्न, जो उस उत्तर को सुझाता है जिसे पूछने वाला व्यक्ति पाना चाहता है या पाने की आशा रखता है, सूचक प्रश्न कहा जाता है. सूचक प्रश्न क्या होते हैं? सूचक प्रश्न वह प्रश्न है जो गवाह को … Read more

सह-अपराधी कौन होता है?

सह-अपराधी कौन है? सह-अपराधी किसे कहते हैं? सह-अपराधी ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जिसने स्वयं किसी अपराध को करने में भाग लिया हो जब कुछ लोग मिलकर अपराध को करते हैं तो उन्हें सह-अपराधी कहते हैं. अथवा सह-अपराधी क्या है? सह-अपराधी वह व्यक्ति होता है जो अपराध करने में बराबर साथ रहता है. सह-अपराधी शब्द … Read more