व्यक्ति का बिना वारंट गिरफ्तार किया जाना
सामान्यतया किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तारी मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किये गये वारंट के अन्तर्गत की जाती है, लेकिन कतिपय मामलों में किसी व्यक्ति को वारंट के बिना गिरफ्तार किया जा सकता है. ऐसे मामलों का उल्लेख BNSS की धारा 35 में किया गया है.
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- कोई पुलिस अधिकारी, मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना और वारंट के बिना किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगा-
- जो पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में संज्ञेय अपराध करता है;
- जिसके विरुद्ध इस बारे में उचित परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि उसने कारावास से, जिसकी अवधि 7 वर्ष से कम की हो सकेगी या जिसकी अवधि 7 वर्ष की हो सकेगी, चाहे वह जुर्माने सहित हो या जुर्माने के बिना, दंडनीय संज्ञेय अपराध किया है, यदि निम्नलिखित शर्तें पूरी कर दी जाती हैं, अर्थात्
- पुलिस अधिकारी के पास ऐसे परिवाद, सूचना या संदेह के आधार पर यह विश्वास करने का कारण है कि उस व्यक्ति ने उक्त अपराध किया है;
- पुलिस अधिकारी का यह समाधान हो गया है कि ऐसी गिरफ्तारी निम्नलिखित के लिए आवश्यक है-
- ऐसे व्यक्ति को कोई और अपराध करने से रोकने के लिए;
- अपराध के समुचित अन्वेषण के लिए;
- ऐसे व्यक्ति को ऐसे अपराध के साक्ष्य को गायब करने या ऐसे साक्ष्य के साथ किसी भी रीति में छेड़छाड़ करने से रोकने के लिए;
- उस व्यक्ति को, किसी ऐसे व्यक्ति को, जो मामले के तथ्यों से परिचित है, उत्प्रेरित करने, उसे धमकी देने या उससे वायदा करने से जिससे उसे न्यायालय या पुलिस अधिकारी को ऐसे तथ्यों को प्रकट न करने के लिए मनाया जा सके, रोकने के लिए;
- जब तक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता है, न्यायालय में उसकी उपस्थिति, जब भी अपेक्षित हो, सुनिश्चित नहीं की जा सकती, और पुलिस अधिकारी ऐसे गिरफ्तारी करते समय अपने कारणों को लेखबद्ध करेगा:
- परंतु कोई पुलिस अधिकारी, ऐसे सभी मामलों में, जहां किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी इस उपधारा के उपबंधो के अधीन अपेक्षित नहीं है, गिरफ्तारी न करने के कारणों को लेखबद्ध करेगा;
- जिसके विरुद्ध विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है कि उसने कारावास से, जिसकी अवधि 7 वर्ष से अधिक की हो सकेगी, चाहे वह जुर्माने सहित हो या जुर्माने के बिना, या मृत्यु दंडादेश से दंडनीय संज्ञेय अपराध किया है और पुलिस अधिकारी के पास उस सूचना के आधार पर यह विश्वास करने का कारण है कि उस व्यक्ति ने उक्त अपराध किया है;
- जो या तो इस संहिता के अधीन या राज्य सरकार के आदेश द्वारा अपराधी उद्घोषित किया जा चुका है;
- जिसके कब्जे में कोई ऐसी चीज पाई जाती है जिसके चुराई हुई संपत्ति होने का उचित रूप से संदेह किया जा सकता है और जिस पर ऐसी चीज के बारे में अपराध करने का उचित रूप से संदेह किया जा सकता है;
- जो पुलिस अधिकारी को उस समय बाधा पहुंचाता है जब वह अपना कर्तव्य कर रहा है. या जो विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागा है या निकल भागने का प्रयत्न करता है;
- जिस पर संघ के सशस्त्र बलों में से किसी से अभित्याजक होने का उचित संदेह है:
- जो भारत से बाहर किसी स्थान में किसी ऐसे कार्य किए जाने से, जो यदि भारत में किया गया होता तो अपराध के रूप में दंडनीय होता, और जिसके लिए वह प्रत्यर्पण संबंधी किसी विधि के अधीन या अन्यपा भारत में पकड़े जाने का या अभिरक्षा में निरुद्ध किए जाने का भागी है, संबद्ध रह चुका है या जिसके विरुद्ध इस बारे में उचित परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि वह ऐसे संबद्ध रह चुका है;
- जो छोड़ा गया सिद्धदोष होते हुए धारा 394 की उपधारा (5) के अधीन बनाए गए किसी नियम को भंग करता है;
- जिसकी गिरफ्तारी के लिए किसी अन्य पुलिस अधिकारी से लिखित या मौखिक अध्यपेक्षा प्राप्त हो चुकी है, परंतु यह तब जब अध्यपेक्षा में उस व्यक्ति का, जिसे गिरफ्तार किया जाना है, और उस अपराध का या अन्य कारण का, जिसके लिए गिरफ्तारी की जानी है, विनिर्देश है और उससे यह दर्शित होता है कि अध्यपेक्षा जारी करने वाले अधिकारी द्वारा वारंट के बिना वह व्यक्ति विधिपूर्वक गिरफ्तार किया जा सकता था.
- BNSS की धारा 39 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, ऐसे किसी व्यक्ति को, जो किसी असंज्ञेय अपराध से संबद्ध है या जिसके विरुद्ध कोई परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि वह ऐसे संबद्ध रह चुका है, मजिस्ट्रेट के वारंट या आदेश के सिवाय, गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
- पुलिस अधिकारी, ऐसे सभी मामलों में जिनमें उपधारा (1) के अधीन किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी अपेक्षित नहीं है उस व्यक्ति को जिसके विरुद्ध इस बारे में उचित परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि उसने संज्ञेय अपराध किया है, उसके समक्ष या ऐसे अन्य स्थान पर, जो सूचना में विनिर्दिष्ट किया जाए उपसंजात होने के लिए निदेश देते हुए सूचना जारी करेगा.
- जहां ऐसी सूचना किसी व्यक्ति को जारी की जाती है, वहां उस व्यक्ति का यह कर्तव्य होगा कि वह सूचना के निबन्धनों का अनुपालन करे.
- जहां ऐसा व्यक्ति सूचना का अनुपालन करता है और अनुपालन करता रहता है वहां उसे सूचना में निर्दिष्ट अपराध के संबंध में तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा जब तक लेखबद्ध किए जाने वाले कारणों से पुलिस अधिकारी की यह राय न हो कि उसे गिरफ्तार कर लेना चाहिए.
- जहां ऐसा व्यक्ति, किसी भी समय सूचना के निबंधनों का अनुपालन करने में असफल रहता है या अपनी पहचान कराने का अनिच्छुक है वहां पुलिस अधिकारी, ऐसे आदेशों के अधीन रहते हुए, जो इस निमित्त किसी सक्षम न्यायालय द्वारा पारित किए गए हों, सूचना में वर्णित अपराध के लिए उसे गिरफ्तार कर सकेगा.
- कोई भी गिरफ्तारी, ऐसे अपराध के मामले में जो 3 वर्ष से कम के कारावास से दंडनीय है और ऐसा व्यक्ति जो गंभीर बीमारी से पीड़ित है या 8 वर्ष से अधिक की उम्र का है, ऐसे अधिकारी की, जो पुलिस अधीक्षक से नीचे की पंक्ति का न हो, की पूर्व अनुमति के बिना नहीं की जाएगी |